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लेखनी प्रतियोगिता -05-Jul-2023 🌹बैरी पिया🌹


सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन,
तत्पश्चात "लेखनी" मंच को नमन,
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधि जनों को नमन,
विषय:- 🌹बैरी पिया🌹
दिनांक -- ०५.०७.२०२३
दिन -- बुधवार 
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सुध बुध  बिसराई मैं, बनी राधा  अपने  श्याम की,
जब से  ओढ़ ली  चुनर, बैरी  पिया  तेरे  नाम की।
नाक में  नथिया  कान में  बाली, होंठों पे  है लाली,
हया शर्म का पहन के गहना, सीता बनूँ मैं राम की।

छुपाकर रखी  तेरी तस्वीर, अपने दिल के कोने में,
खुश होती तुम्हें  ख़ुश देखकर, मैं रोती  तेरे रोने में।
तेरे खातिर  जग से लड़ लूँ, फ़िक्र नहीं अंज़ाम की,
जब से  ओढ़ ली  चुनर, बैरी  पिया  तेरे  नाम की।

तुझे देख  रात को सोऊँ, सुबह भी मैं  तुम्हें निहारुँ,
पूजा करुँ  ईश्वर का, भजन  में तेरा  नाम  पुकारुँ।
तेरे बिन जीना पड़े, तो ये ज़िन्दगी  किस काम‌ की,
जब से  ओढ़ ली  चुनर, बैरी  पिया  तेरे  नाम की।

पल पल  हर पल  पिया  पुकारूँ, देखूँ जी भर के,
बार बार  हर बार  सिर से, जानें चुनर  क्यूँ सरके।
मैं राधा  मोहे  सुध नहीं, दिन रात  सुबह शाम की,
जब से  ओढ़ ली  चुनर, बैरी  पिया  तेरे  नाम की।

                  🙏🌷 मधुकर 🌷🙏

(अनिल प्रसाद सिन्हा 'मधुकर', जमशेदपुर, झारखण्ड)
  (स्वरचित मौलिक रचना, सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)

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6 Comments

Swati chourasia

07-Jul-2023 07:35 PM

वाह बहुत ही खूबसूरत रचना 👌💐 बेहतरीन 👌👌

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Gunjan Kamal

06-Jul-2023 01:23 PM

👏👌

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सुन्दर सृजन और बेहतरीन अभिव्यक्ति

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